NH का दंश…प्रदूषित वातावरण में पढ़ना नामुमकिन…स्कूल बंद करनें की नौबत…जिम्मेदार कुम्भकर्णीय नींद में! प्रभारी मंत्री से शिकायत।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। ग्राम पंचायत तुरकाडीह के शासकीय प्राथमिक शाला तुरकाडीह के समीप से गुजरने वाले नेशनल हाईवे में लगातार तीव्र गति से चलने वाले ट्रक, हाइवा आदि भारी वाहन से जहाँ एक ओर वायु प्रदूषण से, बच्चों शिक्षकों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, दूसरी ओर शासन की महत्वपूर्ण योजना माध्यान्ह भोजन भी प्रदूषित होने से निकट भविष्य में उत्पन्न होने वाली गंभीर समस्या को लेकर बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया है।
शिकायत पत्र के अनुसार ग्राम पंचायत तुरकाडीह के शासकीय प्राथमिक शाला तुरकाडीह के समीप नेशनल हाईवे रोड में लगातार चलने वाले ट्रक, हाइवा आदि भारी वाहन से वायु प्रदूषित हो रही है, धूल-धकड़ से अध्ययनरत बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने, माध्यान्ह भोजन के प्रदूषित होने जैसे गंभीर समस्या को लेकर बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया।
आपको बता दें कि बिलासपुर जिले से लगे ग्राम पंचायत तुरकाडीह में NH के निर्माण कार्य में लगे ट्रकों के आवागमन के कारण वायु में धूल के कण होने के कारण रोड से लगे शासकीय प्राथमिक शाला में अध्ययन रत बच्चों का स्कूल ठीक ढंग से संचालित नहीं हो पा रहा है व मध्यान भोजन भी बनाना मुश्किल हो चुका है व ग्राम पंचायत क्षेत्र में धूल के छोटे छोटे कण पहुचने के कारण भी ग्रामीणों को बहुत कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर यहाँ के सरपंच व ग्राम वासियों ने मोर्चा खोल दिया है व प्रशासन को दर्जनों बार पत्राचार किया है लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की नियमानुसार कार्यवाही नहीं कि गई है।
जबकि शासन के नियमानुसार निर्माणाधीन सड़क पर ठेकेदार द्वारा पानी का छिड़काव लगातार किया जाना है किंतु कागजों में भले ही इसका पालन किया जाना दर्शाया जा रहा होगा किंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती नजर आती है।
आश्चर्य की बात यह है कि शिकायत कर्ताओं नें NH अधिकारी, कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी,एसडीएम,बीईओ जैसे तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को अपने शिकायत पर भेज कर समस्या के निदान के लिए कदम उठाने का निवेदन किया है किंतु निराकरण नहीं होता देख प्रदेश के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री से शिकायत की है।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या इस समस्या के निदान से जुड़े तमाम जिम्मेदार अधिकारी इस गम्भीर समस्या के निराकरण को लेकर कोई ठोस कदम उठाने आगे आते हैं या नहीं!