पटवारी पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप! किसानों ने कलेक्टर और तहसीलदार से की लिखित शिकायत।

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। जिले के प्रभारी मंत्री ही राजस्व मंत्री हैं और उन्हीं के राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा काम के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत आम हो गई है। बिलासपुर तहसील कार्यालय का मामला अभी ठंडा होने नहीं पाया है। दूसरी ओर जनता की शिकायत पर जांच जांच का खेल खेला जाता है फिर शिकायत जांच की फाइल स्वच्छ भारत मिशन की डस्टबीन में डाल दी जाती है। फिर कोई कार्यवाही नहीं होती।
ऐसा ही एक मामला पटवारी प.ह.न. 09 अकलतरी गढ़वट के पटवारी श्रीमति प्रियंका सिंह का आया है। इनके खिलाफ पूर्व में भी शिकायत की गई थी।
आज की शिकायत, जिसमें किसानों नें कलेक्टर और तहसीलदार बिलासपुर को लिखित शिकायत पत्र देकर पटवारी पर गंभीर आरोप लगाया है।
किसानों का आरोप है कि महिला पटवारी द्वारा पैसा लेने के बाद भी काम नही किया जाता।
किसानों का कहना है कि प.ह.न. 09 रा. नि.मं. बेलतरा/नगोई अकलतरी,गढ़वट के महिला पटवारी द्वारा किसानो से हर कार्य के एवज में रुपए की मांग की जाती है रुपए देने के बाद भी कार्य नही किया जाता।
पटवारी नें रिश्वत की रकम लेन देन के लिए ग्राम गढ़वट के विरेन्द्र चंद्राकर पिता दशरथ को अपना एजेंट बना रखा है जिसके माध्यम से नरेन्द्र, लक्ष्मीकांत,हेमंत,विजय के द्वारा रिकार्ड आनलाईन करने, नामांतरण, एवं ऋण पुस्तिका बनाने के लिए रखा गया है। जो हम लोग को 40,000 चालिस हजार रूपये देने कहा था तब 30,500 विरेन्द्र चंद्राकर को हाथ में नगद दिए एवं 10000 पटवारी को उसके घर मे दिये इसके अलावा संतोष साहू से 6000 लिया गया,कार्तिकराम से 500 एवं भगवती प्रसाद से पैसे लेने के बाद भी काम
नही हो पाया है।
जिससे किसानो का काम नही हो रहा है एवं जिसमे किसान आक्रोशित और परेशान है।
किसानों का कहना है कि इसके पूर्व भी पटवारी के खिलाफ खेतो के रकबा एवं आनलाईन मे गड़बड़ी के लिए 15/10/2020 को एवं 02/03/2021 को तहसीलदार एवं कलेक्टर बिलासपुर से शिकायत की गई थी बावजूद इसके जिम्मेदारों नें कोई कार्यवाही नहीं की अब ऐसे में किसके पास शिकायत करें।
इस गंभीर शिकायत विषय पर खासखबर नें बिलासपुर तहसीलदार राजकुमार साहू के मोबाईल फोन पर उनका पक्ष जानने फोन किया गया फोन की घंटी बजती रही पर तहसीलदार साहब को फोन रिसीव करने की फुर्सत नहीं मिली। इसलिए प्रशासन का पक्ष नहीं लिखा जा रहा है।
फिलहाल महिला पटवारी पर किसानों ने गंभीर आरोप लगाया है जरूरत है निष्पक्ष जांच और दंडात्मक कार्यवाही की ताकि किसानों को प्रशासन और प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की प्रशासनिक व्यवस्था पर भरोसा हो सके और ऐसे मामले किसी भी पटवारी हलकों से निकलकर प्रशासन की डेहरी पर व्यवस्था पर सवाल ना खड़े कर सके जिससे सरकार की क्षवि धूमिल ना हो।