बिलासपुर

भ्र्ष्टाचार से जुड़ा जल संसाधन विभाग का कारनामा… गुणवत्ताहीन मटेरियल और अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा भोग रहे किसान!

राजकुमार जोगान्श

खासखबर छत्तीसगढ़ मुंगेली। भ्र्ष्टाचार से जुड़ा जल संसाधन विभाग का कारनामा देखना हो तो मुंगेली चले आइए। यहां बनाए गए एक नहीं दो दो पल मटेरियल गुणवत्ता की कमी की वजह से ढह गया। जल संसाधन विभाग के ठेकेदार द्वारा बनाया गया पुल ही गवाह बन गया। वहीं बड़े पैमाने पर किए गए भ्र्ष्टाचार की पोल खोल गया।

मालूम हो कि लोरमी क्षेत्र के सवतपुर ,गुरुवाईन डाबरी के पास लाइनिंग पर करोड़ों रुपये की लागत से दो नया पुल का निर्माण किया गया था। जो मटेरियल गुणवत्ता की कमी के चलते तीन महीनों की बारिश में धरासायी हो कर गिर गया।

पुल के गिर जाने से किसानों को कृषि कार्यों के लिए आने जाने में बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा।

ग्रामीणो का आरोप है कि पुल निर्माण कार्य के समय उपयोग किया जा रहा मटेरियल गुणवत्ता हीन था और जिम्मेदार अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं रहते थे। जिसका फायदा ठेकेदार ने उठाते हुए गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग किया था जिसका ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध भी किया था।

निर्माण कार्य में हो रहे भ्र्ष्टाचार में लिप्त जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों के विरोध की आवाज को दबा कर निर्माण कार्य में हो रहे भ्र्ष्टाचार को मौन स्वीकृति दी नतीजतन पुल धरासायी हो गया।

वही जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जी एस खान मुख्य कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग मुंगेली द्वारा पुल गिरने के सम्बंध में कोई जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं।

दूसरी ओर जिले के कलेक्टर अजीत बंसल ने पुल के टूट जाने की जानकारी पर जांच करवा बालाजी कंस्ट्रक्शन बारदुवाज और जल संसधान विभाग अधिकारी के ऊपर कार्यवाही की बात कही।

जानकारी के लिए बता दें कि राजीव गांधी जलाशय का निर्माण तीन प्राकृतिक पहाड़ियों को जोड़कर किया गया है। इन तीनों पहाड़ियो के मध्य से होकर मनियरी नदी बहती है। अंग्रेजी शासन काल में कृषि की संभावनाओं को देखते हुये इन तीन पहाड़ियों को जोड़कर बांध बनाने की प्रक्रिया 1927 मे शुरू हुयी, जो तीन साल बाद 1930 मे पूरी हुयी बाद मे इसका नाम राजीव गांधी जलाशय कर दिया गया। खुड़िया ग्राम मे यह बांध निर्मित होने के कारण यह बांध खुड़िया जलाशय के नाम से भी जाना जाता है। मुंगेली,पथरिया , लोरमी एवं ब्लॉक के किसान कृषि के लिए मुख्यतः राजीव गांधी जलाशय पर ही आश्रित है। 47 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिचाई लाइनिंग के माध्यम से खुड़िया जलाशय की पानी खेती के लिए किसानों तक पहुँचता है।

राजीव गांधी जलाशय का पानी किसानों की खेती के लिए आसानी से मिल सके जिसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार जल संसाधन विभाग को लाइनिंग कार्य और पुल निर्माण कार्य के लिए करोड़ो रूपये की स्वीकृति प्रदान की है लेकिन अधिकारी और ठेकेदारों की मिली भगत कर स्वीकृत कार्यों को कमीशन के फेर में गुणवत्ताहीन मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है।

जिसकी बानगी लोरमी ब्लाक में लाइनिंग पर नया पुल ग्राम सवतपुर , गुरुवाइंडबरी बनाया गया नया पुल तीन महीने में ही गिर गया।

जिसके निर्माण कार्य के समय ग्रामीणो द्वारा गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य का विरोध किया गया था । उनकी आवाज को जिला प्रशासन अनसुनी कर दिया था।

वही जिम्मेदार अधिकारी जी एस खान मुख्य कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग मुंगेली लोरमी क्षेत्र में लाइनिंग पर बनाया गया नया पुल ग्राम सवतपुर, गुरुवाईन डाबरी के पास बनाया गया नया पुल तीन महीने में दोनों पुल गिर गया है कि जानकारी लेने गए पत्रकार से मिलना जरूरी नहीं समझा।

बहरहाल किसी नव निर्माण पुल के ढह जाने से जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदार द्वारा किया गया निर्माण कार्य और अधिकारियों की मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो गए हैं देखने वाली बात यह है कि क्या जांच निष्पक्ष होगी या अधिकारी खुद को और ठेकेदार को बचाने पूरे मामले में लीपापोती कर देंगे।

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