बिलासपुर

कानून के रखवाले भी पत्थर खदान में हो रहे अवैध विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल पर रोक लगाने नाकाम…ग्रामीणों को न्याय का इंतजार!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। बिल्हा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरखुँडी से लगे पत्थर खदान से पत्थर खनन के लिए किए जा रहे अवैध ब्लास्टिंग को बंद कराने और अपराध दर्ज कर उचित कार्यवाही करनें के लिए पीड़ित ग्रामीणों ने एक नहीं दो नहीं आठ जिम्मेदार पदाधिकारियों को पत्र लिखकर गुहार लगाई है। लेकिन किसी ने भी इस संवेदनशील और जनहित के मामले पर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

  1. थाना प्रभारी आरक्षी केंद्र रतनपुर जिला बिलासपुर छ.ग.
  2. पुलिस अधीक्षक जिला बिलासपुर छ.ग.
  3. पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेज
  4. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर
  5. अनुसूचित जाति आयोग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर छ.ग.
  6. कलेक्टर जिला बिलासपुर
  7. माननीय राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन रायपुर छ.ग.
  8. अनुविभागीय अधिकारी बिलासपुर/कोटा

ग्रामीणों नें अपने शिकायत आवेदन पर साफ तौर से लिखा है कि रतनपुर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक दस पटवारी हल्का नंबर 37 के खसरा नंबर 6631/1 के रकबा 17.13 हेक्टेयर में से 01 हेक्टेयर जमीन को पर पत्थर खनन के लिए कार्यालय
कलेक्टर खनिज शाखा बिलासपुर द्वारा बिलासपुर पथरापाली रोड़ प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद गुजरात को अस्थायी लीज पर दिया गया है।


रतनपुर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 पटवारी हल्का नंबर 37 के खसरा नंबर
6631/1 के रकबा 17.13 हेक्टेयर जमीन से लगा बिल्हा विकास खण्ड का ग्राम पंचायत खैरखुण्डी तहसील व जिला बिलासपुर छ.ग. है जहां हम सब सालों से परिवार के साथ निवासरत है। इसमें ज्यादातर परिवार अनुसूचित जाति वर्ग से है।


बिलासपुर पथरापाली रोड प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद गुजरात के द्वारा पत्थर खनन के
लिए भारी मात्रा में अवैध रूप से विस्फोटक सामाग्री का उपयोग कर ब्लास्टिंग कराया जा रहा है। इससे हम सब ग्रामीणों को जन हानि की आशंका बनी हुई है।


खदान से प्रतिदिन भारी मात्रा में ब्लास्टिंग किए जाने से हमारे घरों के दीवारों में दरारें पड़ गई है, विस्फोट के
दौरान पत्थर उछलकर हमारे खेतो में गिर रहे हैं। भारी मात्रा में धूल और गर्दै उड़कर हमारे घरों तक पहुंच रहे हैं।
इससे हमारा जनजीवन भी प्रभावित है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।
नियमानुसार पत्थर खनन के लिए सुरक्षा मानकों का भी खयाल नहीं रखा जा रहा है। खदान क्षेत्र का न तो सीमाकन किया गया है और न ही सूचना बोर्ड चस्पा किए गए है।


दस्तावेजों के अनुसार पत्थर खनन में विस्फोटकों का उपयोग करने जिला प्रशासन से विधिवत अनुमति भी नहीं ली गई है और ना ही रतनपुर थाने द्वारा इसके लिए सहमति प्रदान की गई है।


ग्रामीण दस्तावेज दिखाते हुए कहते हैं कि इस संदर्भ में कलेक्टर कार्यालय बिलासपुर में 24 जून 2020 को शिकायत प्रस्तुत किया गया था इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

फिलहाल जब हमने इस जनहित से जुड़े संवेदनशील मामले में रतनपुर थानेदार को फोन पर सम्पर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं कर ग्रामीणों की शिकायत पर मुहर लगा दी।


बहरहाल मामला जनहित से जुड़ा है और ऐसे संवेदनशील मामले में प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने की बजाय किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं ऐसा ग्रामीणों को लगता है देखना होगा कि आखिरकार आदिवासियों और किसानों की हितैषी सरकार कब इन गरीबों की सुध लेती है!

एक सवाल ये भी खड़ा होता है कि जब पत्थर खदान में विस्फोटक सामग्री के इस्तेमाल की अनुमति ही नहीं, तो फिर विस्फोटक सामग्री रतनपुर थाना क्षेत्र में कौन लेकर आ रहा है और पुलिस क्या कर रही है! ये जांच का विषय है।

दूसरा सवाल यह भी खड़ा होता है कि नियमानुसार पत्थर खनन के लिए सुरक्षा मानकों की मॉनिटरिंग,खदान क्षेत्र का सीमाकन और सूचना बोर्ड लगा है जैसे कार्य समय समय पर खनिज और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान किया जाना है लेकिन ऐसा किया नहीं गया है यह भी जांच का विषय है।


क्रमशः …..

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