निजी स्कूलों की तर्ज पर खोला गया अंग्रेजी माध्यम का सरकारी स्कूल…नाम बड़े और दर्शन छोटे!

खासखबर छत्तीसगढ़ बिलासपुर। निजी स्कूलों की तर्ज पर शासन द्वारा खोले गए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। प्रवेश द्वार और परिसर पर बिखरी गन्दगी यहाँ की व्यवस्था की पोल खोलते नजर आता है।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल लिंगियाडीह की जहां स्कूल में पढ़ने आने वाले छात्र छात्राओं, टीचर्स और उनके पालकों को अत्यंत कठनाइयों का सामना करना पड़ता है वजह है स्कूल पहुँच मार्ग की सड़क जो कि
अत्यन्त जर्जर हो गई है, जिसमें जगह-जगह गडढे हो गए है और उन गड्ढों में बारिश का पानी भर जाने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
दूसरी समस्या स्कूल के प्रवेश द्वार पर दोनों ओर जानलेवा गड्ढ़े किए गए हैं जानकारी के अनुसार स्कूल के केम्पस गेट बनाने के लिए गड्ढा खोदकर ठेकेदार के द्वारा छोड़ दिया गया है, जबकि स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता यही है, जिसके कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। स्कूल नियमित रूप से संचालित हो रही है, जिसमें स्कूल में पढ़ने
वाले छात्र/छात्राओं एवं गार्जियन एवं स्कूल के स्टाफ को रिस्क लेकर स्कूल परिसर पहुंच पाते हैं।
स्कूल परिसर में जाने वाले रास्ते में गडढा हो जाने के कारण दो पहिया, चार पहिया की चाल एकदम धीमी गति से चलाने के
बावजूद गाड़ी पलटने का डर बना रहता है।अभी वर्तमान में पानी गिरने के कारण रास्ता पूरी तरह से कीचड से भर
गया है, जिसमें पैदल चलना भी दूभर हो गया है।
मजे की बात यह है कि स्कूल बिल्डिंग का निर्माण कर रहे ठेकेदार को स्कूली बच्चों के गड्ढे में गिर जाने या फिर कोई दुर्घटना घट जाने से कोई मतलब नहीं, इसलिए उसने द्वार के लिए गड्ढा खोदकर छोड़ दिया है। स्कूल आने जाने वाले छात्र छात्राओं, शिक्षक एवं पालकों के सुरक्षित आवागमन की कोई व्यवस्था करना भी मुनासिब नहीं समझा।
निजी स्कूलों के तर्ज पर यहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल लिंगियाडीह के नई बिल्डिंग के अंदर टायलेट/बाथरुम की व्यवस्था नहीं है, छात्र छात्राओं और स्कूल स्टाफ को बाहर पुराने टूटे फूटे गन्दगी युक्त टॉयलेट और बाथरूम इस्तेमाल करना पड़ता है जो खपरैल युक्त है, और पूरी तरह से गंदगी से भरा हुआ बदबूदार है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
हालांकि एक जागरूक पालक नें स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सहित तमाम जवाबदारों को पत्र लिखकर व्यवस्था सुधारने व उन्हें उनकी जिम्मेदारी याद दिलाया है।
कुल मिलाकर यहां शासन द्वारा निजी स्कूलों की तर्ज पर खोले गए अंग्रेजी माध्यम का स्कूल मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में फेल नजर आता है जरूरत है कि स्कूल की मॉनिटरिंग कर रहे जिम्मेदार अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं निगम के अधिकारी शासन द्वारा संचालित स्कूलों की व्यवस्था पर तत्काल ध्यान दें ताकि देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्र छात्राओं स्वच्छ वातावरण में अध्ययन कर भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।