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एपिसोड – 4 कार्यादेश जारी होने के 1 वर्ष 2 माह 17 दिन बाद संशोधन आदेश का जारी किया जाना अधिकारी की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है!

खबर खास छत्तीसगढ़ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ‘क्रेडा’ में निविदा की तय शर्तों पर जिन ठेकेदारों को समय पर काम पूरा नहीं करने पर जुर्माना लगाकर ब्लैक लिस्टेड करनी थी। उन्ही को कार्य की तय कीमतों को संशोधनआदेश/ रिवाइज कर काम कराया जा रहा है। करोड़ों के काम के लिए पीस वर्क में कार्यादेश जारी कर भ्रष्टाचार किया जा रहा।छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ‘क्रेडा’ के अधीन क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर में ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर में करोड़ों रुपये स्वीकृत कर जीर्णोद्धार का कार्य कराया जा रहा है। करोड़ों रुपए के स्वीकृत इस कार्य के लिए ग्लोबल टेडर आमंत्रित किया गया था। निविदा खुलने के बाद काम के लिए एक ही कार्यादेश जारी होना था। वहीं हैरान करने वाला तथ्य यह है कि इस काम के लिए किस्तों में अब तक करीब 80 कार्या देश जारी किया गया हैं। ये सब कैसे हुआ इस पर बात करने से जिम्मेदार कतरा रहे हैं। इतना ही नहीं कार्यादेश जारी होने के बाद ठेकेदार ने तय समय पर कार्य को पूरा नहीं किया। इस पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगानें की बजाय, क्रेडा के अफसर ठेकेदार पर इतने मेहरबान कि कार्यादेश में संशोधन आदेश जारी कर मात्रा और कीमतों को रिवाइज कर बढ़ा दिया गया है। इस पर भी तड़का ये कि शासन के तय एसओआर से ज्यादा कीमत स्वीकृत कर कार्यादेश जारी किया गया है। उसे फिर से रिवाइज कर बढ़ा दिया गया है। ऐसा एक या दो बार नहीं कई बार किया गया है। ऐसे ही पूरे मामले का खुलासा हम किश्तवार करते जा रहे हैं।आज की स्टोरीछत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा क्षेत्रीय कार्यालय ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर ने (Gazibo) सिविल कार्य के लिए टेंडर क्रमांक 5985 में 27/08/2020 को मेसर्स वन्या लैंड स्केपिंग एवं हार्टीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड रायपुर एंड डिजाइन सेल (कंसोर्टियम ) रायपुर शाप नंबर 10 साव काम्पलेक्स गुरु नानक चौक एमजी रोड रायपुर को टेंडर हुआ था। पूरे एक साल बाद 27/09/2021 को तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एस के शुक्ला छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण क्रेडा क्षेत्रीय कार्यालय ऊर्जा शिक्षा उद्यान बिलासपुर द्वारा 27/09/2021 को
कार्यादेश जारी किया गया था। कार्यादेश क्रमांक 1358 में कुल 21 कार्य थे जिसकी कुल कीमत 12,20,515.992 थी। नियमानुसार ठेकेदार को इस काम को 90 दिन की अवधि में पूरा कर लेना था। लेकिन 90 दिन पूरे होने के बाद भी ठेकेदार ने काम पूरा नहीं किया। बल्कि 23/11/2022 को ठेकेदार ने पत्र लिखकर विभाग को अवगत कराया कि सिविल कार्य हेतु प्रेषित प्रस्ताव में संशोधन किया गया है जबकि प्रक्रिया के हिसाब से तो क्रेडा के जिम्मेदार अफसरों को तय समय सीमा में काम पूरा नहीं करने पर ठेकेदार के खिलाफ पेनाल्टी की कार्रवाई करनी थी, पर न जाने अफसर ठेकेदार पर इतने मेहरबान क्यों हो गए।बल्कि ठेकेदार के पत्र लिखे जाने के 21 दिन बाद कार्यपालन अभियंता क्रेडा बिलासपुर नें अपने जारी संशोधन आदेश में लिखा कि कार्यादेश के सरल क्रमांक 17 में त्रुटिवश 52.2 मीटर अंकित हो गया है अतः granite work में संशोधित आदेश जारी किया जाता है। 13/12/2022 को संशोधन आदेश जारी कर दिया गया। इस आदेश से सरल क्रमांक 17 में जारी कार्य की लागत राशि जो 2,56,506.12 बढ़कर दुगुनी 4,71,971.26 हो गई।
इस समय कार्यपालन अभियंता संतोष कुमार ध्रुव थे।1 वर्ष 2 माह 17 दिन बाद संशोधन आदेश का जारी किया जाना अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।अंत में इतना ही कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता युक्त,पारदर्शिता एवं समय सीमा के साथ पूर्ण हो ताकि इसका लाभ जनता को मिल सके अब ये कैसे संभव हो सकता है जब जवाबदार अफसर ही नियम कायदों के विपरीत जाकर ठेकेदार को फायदा पहुंचाने की ठान ली हो!क्रमशः…

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